Tuesday, January 1, 2019

भारतीय पुरुषों में बढ़ रहा है ओरल कैंसर क्या होता है ओरल कैंसर ? कैसे होता है ओरल कैंसर ?


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भारतीय पुरुषों में बढ़ रहा है ओरल कैंसर, क्या होता है ओरल कैंसर   कैसे होता है ओरल कैंसर भारतीय की  बात करे तो पुरुषों में ओरल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह तंबाकू उत्पादों का सेवन है। आमतौर पर जब लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, तो उन्हें छोटी-मोटी परेशानियां होती हैं, जिन्हें वे नजरअंदाज कर देते हैं। ज्यादातर ओरल कैंसर का पता चौथी स्टेज में जाकर चलता है, जिससे कि इलाज में बहुत मुश्किल आती है। चौथी स्टेज में कैंसर के इलाज के लिए कई बार व्यक्ति के जबड़ों को भी निकालना पड़ता है। इसके साथ ही यह इलाज इतना मंहगा है, कि भारत में ज्यादातर व्यक्ति इलाज के अभाव में ही दम तोड़ देते हैं।


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क्या होता है ओरल कैंसर ओरल कैंसर कैसे होता है ? 

तंबाकू दुनिया भर में ओरल कैंसर की बड़ी वजह है और भारत में पुरुषों के लिए इस प्रकार का कैंसर सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है। ओरल कैंसर के अधिकांश मामलों में यही होता है। अक्सर भूख का अहसास मिटाने के लिए तंबाकू चबाने की आदत पड़ जाती है और कई बार लोगों को इसका स्वाद भी पसंद आ जाता है जो जल्द ही लत बन जाती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम (एनसीआरपी) के डेटा के मुताबिक, 2017 में भारत के चार बीमारू राज्यों-बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में ओरल कैंसर के 15.17 लाख मामले सामने आए ।  

ओरल कैंसर के शुरुआती कैसे होती है । 


 शुरुआती लक्षणों की बात करे तो  शुरुआती संकेतों और लक्षणों में मुंह तथा जीभ की सतह पर दागों या धब्बों का उभरना, जो कि लाल अथवा सफेद रंग के हो सकते हैं, मुंह का अल्सर या छाले जो कि दूर नहीं होते, तीन हफ्तों से अधिक बने रहने वाली सूजन, त्वचा या मुंह की सतह में गांठ या उसका कड़ा होना, निगलने में परेशानी, बिना किसी वजह के दांत ढीले पड़ना, मसूढ़ों में दर्द या कड़ापन, गले में दर्द, गले में हर वक्त कुछ फंसे रहने का अहसास, जीभ में दर्द, आवाज में भारीपन, गर्दन या कान में दर्द जो दूर नहीं होता, आम हैं। ये लक्षण हमेशा ओरल कैंसर के होने का ही संकेत नहीं होते लेकिन ऐसे में पूरी जांच तथा समुचित इलाज के लिए ओंकोलॉजिस्ट से संपर्क जरूरी है।



ओरल कैंसर का इलाज करना काफी मुश्किल हो सकता है और मरीज को रेडिएशन तथा कीमो की वजह से कई तरह के साइड इफेक्ट्स का भी सामना करना पड़ सकता है। रोग के चौथे चरण में इलाज की स्थिति में मुंह की संरचना भी बिगड़ सकती है और कई बार मरीज के फेशियल स्ट्रक्च र को सामान्य बनाने के लिए कॉस्मेटिक जैसी सर्जरी भी करानी पड़ती है। ओरल कैंसर के उन्नत उपचार में रेडियोथेरेपी तथा कीमोथेरेपी दी जाती है ताकि मरीज का शीघ्र उपचार किया जा सके।"

ओरल कैंसर की एडवांस स्टेज में उपचार के लिए सर्जरी के साथ-साथ रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी या टारगेटेड थेरेपी दी जाती है। संपूर्ण उपचार के लिए ये थेरेपी आंख के नजदीक दी जाती है अन्यथा कई बार ओरल कैंसर की वजह से मरीज की नजर भी पूरी तरह खराब हो सकती है। ट्यूमर रीसेक्शन जैसी सर्जरी ट्यूमर को हटाने के लिए दी जाती हैं, होंठों के लिए माइक्रोग्राफिक सर्जरी, जीभ के लिए ग्लासेक्टमी जिसमें जीभ निकाली जाती है, मुख के तालु के अगले भाग को हटाने के लिए मैक्सीलेक्टमी, वॉयस बॉक्स निकालने के लिए लैरिंजेक्टमी की जाती है।"
आप भी अगर इससे दूर रहना चाहते है तो आप गुटखा तम्बाकू जैसे सेवन न करे और ऐसा लगताहै तो अपने नजदकी हस्पताल में जरर दिखये और डॉक्टर की सलाह जरूर ले आपको ये जानकारी कैसा लगा ऐसे ही हेल्थ